प्रीतनगर बस्ती पर संकट, रेलवे ने 38 घरों की कराई नापी, पूर्व में कई को दे चुके हैं नोटिस, लोगों में आक्रोश
सोनभद्र। वर्षों से आबाद चोपनकी प्रीत नगर बस्ती पर अचानक से रेलवे की नजर टेढ़ी हो गई है। मंगलवार को एक टीम यहां बने घरों की नापी के लिए पहुंच गई। इस दिन 38 घरों की नापी भी की गई। इससे पूर्व कई को नोटिस भी थमाई जा चुकी है। इससे जहां बस्ती के बाशिंदों में हड़कंप की स्थिति रही। वहीं आक्रोश भी देखने को मिला।
बस्ती के दर्जनों लोगों को जारी नोटिस में कहा गया है कि यह रेलवे की भूमि है। 15 दिनों का जमीन खाली कर दी जाए। अभी यहां के लोग नोटिस का जवाब ढूंढने में ही लगे थे कि मंगलवार को रेलवे प्रशासन भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंच गया। महिला पुलिस भी शामिल रहीं। को लेकर जहां लोगों में हड़कंप की स्थिति दिखी। वहीं नाराजगी के स्वर भी रह रह कर उठते रहे। उधर नगर पंचायत अध्यक्ष फरीदा बेगम ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी से लेकर रेलवे के आलाधिकारियों को पत्र भेजकर प्रितनगर में पक्की पैमाइस की मांग की है लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा जा रहा है। बगैर पक्की पैमाइश कराएं विगत डेढ़ वर्ष से प्रीतनगर के लोगो को परेशान किया जा रहा है। वही बस्ती के लोगों का कहना है कि कई दशक से वह इस जमीन पर रह रहें हैं । बिजली, पानी के बिल समेत नगर पंचायत को टैक्स भी देते आ रहे हैं। राजस्व विभाग को भी निर्धारित शुल्क दिया गया है। बावजूद रेलवे प्रशासन पक्की पैमाइश कराने की बजाय अड़ियल रुख अपना कर बेदखल करने में लगा हुआ है। वहीं आईवोडब्लू रतन शंकर का कहना है कि जिन लोगों को पूर्व में नोटीस जारी किया गया था, उनकी नापी नहीं हो पाई थी। उसी प्रक्रिया को अब पूरा किया जा रहा है। मंगलवार को बारिश के कारण 38 लोंगो की ही नापी हो पाई। शेष के नापी का कार्य चलता रहेगा।
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