आउटसोर्सिंग कंपनियों, गैर सरकारी संस्थानों में स्थानीय बेरोज़गारों-विस्थापितों की अनदेखी, सपा एमएलसी ने सीएम को भेजी चिट्ठी
सोनभद्र।
नार्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की जिले में स्थापित कोयला परियोजनाओ में अधिभार हटाने का कार्य कर रहे आउटसोर्सिंग कंपनियां एवं गैर सरकारी संस्थान स्थानीय बेरोज़गारों/विस्थापित परिवार के युवाओं को रोजगार देने में हिलाहवाली कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर विभिन्न दलों के लोग इसको लेकर कई बार आवाज उठा चुके हैं। अब सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने सीएम को पत्र लिखकर हस्तक्षेप का अनुरोध किया है
पत्र में कहा है कि अत्यंत पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण सोनभद्र जनपद में जनता हेतु मूलभूत सुविधाओ का अभाव एवं बेरोजगारी प्रमुख समस्या है। यहाँ नार्दर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड की ककरी/बीना/कृष्णशीला/खड़िया/दुद्धीचुआ परियोजनाओ में अधिभार हटाने का कार्य करने वाली वीपीआर प्रा० लि०, बीजीआर प्रा० लि०, पीसी पटेल प्रा०लि०, बीजीआर डेको प्रा० लि०,
गजराज प्रा० लि०, केएनआइ प्रा०लि०, सत्या माइनिंग प्रा०लि०, स्टार ओएंड एम ग्रूप (सीएचपी वर्क) सहित सभी कम्पनियों
एवंअन्य गैर सरकारी संस्थानों द्वारा स्थानीय बेरोज़गारों व परियोजनाओ से प्रभावित विस्थापितों की निरंतर अनदेखी कर सीमावर्ती प्रदेशों एवं अन्य जनपद के बाहरी लोगों को रोज़गार देने का कार्य बदस्तूर जारी है।
विदित हो कि नार्दर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड सोनभद्र की विभिन्न परियोजनाओ के कारण आस-पास के सैकड़ों गाँव प्रभावित हुए हैं, जिससे हजारों की संख्या में स्थानीय लोग बेरोज़गारी का दंश झेलने हेतु विवश हैं। इसके बावजूद इन परियोजनाओ में अधिकृत आउटसोर्सिंग कम्पनियों द्वारा स्थानीय बेरोज़गारों को वरीयता न देकर भारी संख्या में बाहरी मज़दूरों की भर्ती की जाती है, जिनका चरित्र सत्यापन व व्यक्तिगत रिकॉर्ड भी स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध नही कराया जाता।
उल्लेखनीय है कि 80% स्थानीय बेरोज़गारों/प्रभावित विस्थापितों को क्षेत्रीय परियोजनाओ में रोज़गार उपलब्ध कराने हेतु नार्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के महाप्रबंधक द्वारा सन् 2006 में पारित आदेश की लगातार अनदेखी की बात उठ रही है।
इसको लेकर आयुक्त, विन्ध्याचल मण्डल,जिलाधिकारी, सोनभद्र,चैयरमैन,कोल इण्डिया लिमिटेड, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, एनसीएल सिंगरौली से मांग करते हुए कहा है कि जनहित के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए प्रभावी हस्तक्षेप किया जाए।
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