चकाड़ी राख बांध पर बढ़ा पानी का दबाव, पास की बस्ती में ढहने लगे मकान, रिसाव की आशंका, जिम्मेदार उदासीन
सोनभद्र। ओबरा पावर परियोजना के चकाड़ी स्थित ऐश डैम (राख बांध) में तीन-चार दिनों की लगातार बारिश के बाद बढ़े दबाव ने हड़कंप मचा दिया है। डैम से सटी बस्ती में लगे हैंडपंपों से जहां अपने आप पानी निकलना शुरू हो गया है। वहीं बस्ती के कई मकान ढहने की स्थिति में पहुंच गए हैं। सपा और बसपा नेताओं ने शनिवार को बस्ती में पहुंचकर ग्रामीणों से वार्ता के बाद राख बांध में रिसाव की आशंका जताई लेकिन जिम्मेदारों की तंद्रा नहीं टूटी। पानी के दबाव को देखते हुए ग्रामीणों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। एनजीटी के कोर कमेटी ने अगस्त 2015 में ही सोनभद्र और सिंगरौली में स्थित ऐश डैमों में राख भराव की स्थिति को लेकर चिंता जता दी थी। रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर इस बात का जिक्र किया गया था कि अगर अभी से इसको लेकर संजीदगी नहीं दिखाई गई और बिजली परियोजनाओं में जलने वाले कोयले की राख निस्तारण के दूसरे विकल्पों पर मजबूती से विचार नहीं किया गया तो 2020 आते-आते कई राख बांधों के टूटने की स्थिति बन सकती है। पिछले वर्ष थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में सिंगरौली में तीन बार टूटे राख बांधों ने कमेटी की आशंका को सच भी साबित किया। पिछले वर्ष दौरे पर आई एनजीटी की ओवर साइट कमेटी ने बेलावादह स्थित ऐश डैम के हालात को लेकर चिंता जताई थी और अनपरा परियोजना तथा लैंको परियोजना के लिए अलग अलग राख बांध बनाने को कहा था। अब ओबरा के चकाड़ी राख बांध की स्थिति को लेकर चिंता के हालात बनने शुरू हो गए हैं। बारिश के शुरुआती समय में ही जिस तरह से यह ऐशडैम पानी से लबालब भर गया है और पास की बस्ती में पानी के रिसाव जैसे हालात दिखने लगे हैं। उससे यह आशंका जताई जाने लगी है कि अगर जिम्मेदारों ने समय रहते यहां के हालात को लेकर सजगता नहीं बरती तो किसी भी समय यहां तबाही के साथ जान माल की बड़ी नुकसानी दिख सकती है। बता दें कि चकाड़ी ऐश डैम के रखरखाव और इसके ओवरफ्लो वाले पाइप से राख मिश्रित पानी का नाले के जरिए रेणुका नदी में लगातार बहाव को लेकर पूर्व में कई बार चिंता जताई जा चुकी है। अगर लोगों की आशंका सच साबित हुई तो जहरीली राख रेणुका नदी, सोन के साथ गंगा तक प्रदूषण फैलाने का बड़ा कारण बन सकती है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सपा नेता अनिल यादव की अगुवाई में क्षेत्रीय लोगों की एक टीम ने शनिवार को ही बस्ती का दौरा किया और चकारी इस टाइम में रिसाव की आशंका जताते हुए अधिकारियों से हस्तक्षेप की गुहार लगाई सोशल मीडिया पर यहां के हालात की तस्वीर वायरल की लेकिन हर रविवार की दोपहर बाद तक कोई भी जिम्मेदार यहां का हालात जानने नहीं पहुंच चुका था। --एसडीएम ने न तो रिसीव की काल, ना दिया मैसेज का जवाबः ओबरा तहसील के अंतर्गत आने वाले इस ऐशडैम की स्थिति को लेकर जिम्मेदार कितने संजीदा हैं। यह अंदाजा एसडीएम द्वारा कॉल रिसीव न किए जाने और मैसेज का जवाब न दिए जाने से लगाया जा सकता है। चकाड़ी ऐशडैम में कथित रिसाव की सूचना के बाबत शनिवार की रात एसडीएम के सीयूजी नंबर पर फोन किया गया तो नाट रिचेबल का उत्तर मिला। उनके व्यक्तिगत नंबर पर रिंग की गई लेकिन काल रिसीव नहीं हुई। इसके बाद टेक्स्ट और व्हाट्सएप मैसेज भेजा गया लेकिन उसका भी कोई उत्तर नहीं आया।
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