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संयुक्त टीम ने चकाड़ी ऐश डैम का लिया जायजा, प्रदूषण विभाग ने सीपेज पर प्रभावी रोक के दिए निर्देश, प्रशासन और परियोजना का दावा ऐशडैम सुरक्षित, नदी और राख बांध के बीच की बस्ती के पुनर्वास पर होगा विचार

संयुक्त टीम ने चकाड़ी ऐश डैम का लिया जायजा, प्रदूषण विभाग ने सीपेज पर प्रभावी रोक के दिए निर्देश, प्रशासन और परियोजना का दावा ऐशडैम सुरक्षित, नदी और राख बांध के बीच की बस्ती के पुनर्वास पर होगा विचार

सोनभद्र। ओबरा परियोजना के चकाड़ी स्थित राख बांध पर पानी के बढ़े दबाव की खबर मीडिया में आने के बाद सोमवार को ओबरा परियोजना, प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की संयुक्त टीम ने संबंधित स्थल का निरीक्षण किया। बांध की स्थिति देखी। बस्ती की स्थिति जानी और राख बांध से ओवरफ्लो की दशा में निकलने वाले राख मिश्रित पानी के बारे में भी जानकारी जुटाई। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी राधेश्याम ने रिसाव को पूरी तरह बंद करने के लिए एनजीटी ओवरसाइज कमेटी के निर्देश पर नवीनतम तकनीक आधारित कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। वहीं परियोजना प्रबंधन और प्रशासन ने दावा किया की ऐशडैम को कोई खतरा नहीं है। नदी और बांध के बीच स्थित बस्ती में जो भी दिक्कत है। उसे शीघ्र दूर करने का प्रयास किया जाएगा। मुआवजा एवं उनके जमीनी हक की स्थिति वर्तमान में क्या है? उसे शीघ्र क्लीयर कर बस्ती के पुनर्वास की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी राधेश्याम, एसडीएम ओबरा प्रकाश चंद्र और ओबरा परियोजना के अधीक्षण अभियंता इंजीनियर एके राय की मौजूदगी वाली टीम ने ऐशडैम का निरीक्षण किया और कथित सीपेज तथा बस्ती के लोगों की हो रही दिक्कत की जानकारी ली। प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि फिलहाल बांध सुरक्षित है। एक जगह हल्का सीपेज की स्थिति दिखी जहां पहले से एनजीटी ओवरसाइट कमेटी के निर्देश पर नवीनतम तकनीक अपनाकर दुरुस्त करने का काम चल रहा है। कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी दशा में राख का बहाव नदी में ना होने पाए और बस्ती में जान माल के नुकसान की स्थिति न बने पाए, इसके लिए लगातार निगरानी बनाए रखने की भी हिदायत दी गई है। परगना प्रबंधन और एसडीएम से बस्ती के लोगों के मुआवजा एवं पुनर्वास की स्थिति का निस्तारण कर इन्हें किसी सुरक्षित जगह पर बस आने के लिए विचार करने को कहा गया है ।.यहां की स्थिति की एक रिपोर्ट भी वह डीएम को सौंपेंगे। वहीं अधीक्षण अभियंता एके राय का कहना था कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है। आईआईटी रुढ़की द्वारा बनाई गई डिजाइन के आधार पर रखरखाव किया जा रहा है। चूंकि बस्ती बांध के निचले हिस्से में है। इसलिए वहां दिक्कत देखने को मिल रही है। परियोजना निर्माण के समय ही यहां जो लोग बसे थे। उनको मुआवजा दिया गया था। एक दो लोगों ने बताया कि मुआवजा नहीं मिला है तो उसका रिकॉर्ड से मिलान किया जाएगा। अन्य लोगों की भी स्थिति देखी जाएगी। जो भी स्थिति बनेगी उसके अनुरूप प्रक्रिया अपनाई जाएगी। बता दें कि चकाड़ी बस्ती रेणुका नदी और एऐशडैम के बीच स्थित है। ऐशडैम की ऊंचाई लगातार बढ़ती जा रही है। दो-तीन साल पहले भी उसकी ऊंचाई बढ़ाई गई है। इसके चलते बस्ती काफी नीचे हो गई है जिसके चलते तपिश के समय राख भरी धूल, बारिश के समय जमीन से होने वाले पानी के रिसाव का दंश झेलना पड़ता है। भविष्य में अगर कोई अनहोनी होती है तो उसका भी नुकसान इस बस्ती के लोगों को उठाना पड़ सकता है।

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