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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति अनपरा के बिजली कर्मियों ने किया विरोध प्रदर्शन

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति अनपरा के बिजली कर्मियों ने किया विरोध प्रदर्शन

इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के देशव्यापी विरोध सभा के क्रम में प्रदेशभर के बिजली कर्मियों ने किया विरोध प्रदर्शन-10 अगस्त को देश भर के 15  लाख बिजली कर्मचारी व् इंजीनियर हड़ताल / कार्य बहिष्कार करेंगे बिजली कर्मचारियों व् अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के आह्वान पर आज प्रदेश भर के बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने  अनपरा परियोजना गेट संख्या 1 पर विरोध प्रदर्शन किए साथ ही राजधानी लखनऊ में शक्तिभवन सहितओबरा परीछा ,हरदुआगंज,पनकी,वाराणसी प्रयागराज गोरखपुर ,आजमगढ़  बस्ती,अयोध्या,बरेली,कानपुर,आगरा,झांसी,अलीगढ़,मेरठ,ग़ाज़ियाबाद,मुरादाबाद,बुलंदशहर,सहारनपुर समेत प्रदेश के समस्त परियोजनाओं जनपद मुख्यालयों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किये |  वक्ताओं ने एलान कियाकि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 वापस न लिया गया तो  15  लाख बिजली कर्मचारी व् इंजीनियर 10 अगस्त को एक दिन की हड़ताल / कार्य बहिष्कार करेंगे | 

संयुक्त संघर्ष समिति, अनपरा के संयोजक इं रोहित राय ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 संसद में रखने और पारित करने का एलान किया है अतः संसद के मानसून सत्र के पहले दिन NCCOEE के आह्वान पर आज देशव्यापी प्रदर्शन आयोजित किये गए हैं | उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिजली क़ानून में व्यापक बदलाव वाले इस बिल को जल्दबाजी में पारित करने के बजाये इसे  संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए और कमेटी के सामने  बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए | 

 इं हरिशंकर चौधरी ने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में उत्पादन का लाइसेन्स समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया जिसके  परिणाम स्वरुप देश की जनता को निजी घरानों से बहुत महंगी बिजली की मार झेलनी पड़  रही है | अब  इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के जरिये बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है जिससे बिजली वितरण के सम्पूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा | इस बिल में प्राविधान है कि किसी भी क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कम्पनियाँ बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी और बिजली वितरण हेतु यह निजी कम्पनियाँ सरकारी वितरण कंम्पनी का इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी | इं अभिषेक बरनवाल ने बताया कि निजी कम्पनियाँ केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली देंगी जिससे सरकारी बिजली कंपनी की वित्तीय हालत और खराब हो जाएगी | इस प्रकार नए बिल के जरिये सरकार बिजली वितरण का सम्पूर्ण निजीकरण करने जा रही है जो किसानों और गरीब घरेलू उपभोक्ताओं के हित में नहीं है | 

            इं मनिन्द्र नाथ ने बताया कि इस बिल के विरोध में  27 जुलाई को नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के राष्ट्रीय पदाधिकारी केंद्रीय विद्युत् मंत्री श्री आर के सिंह से दिल्ली में मिलकर उन्हें ज्ञापन देंगे | 03 अगस्त को उत्तरी क्षेत्र , 04 अगस्त को पूर्वी क्षेत्र , 05 अगस्त को पश्चिमी क्षेत्र और 06 अगस्त को दक्षिणी क्षेत्र के बिजली कर्मी दिल्ली में श्रम शक्ति भवन पर सत्याग्रह करेंगे | इसके बाद 10 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी | उन्होंने यह भी कहा कि यदि केंद्र सरकार ने 10 अगस्त के पहले संसद में बिल रखा तो देश भर के बिजली कर्मी उसी दिन हड़ताल करेंगे | सभा का संचालन शारदा प्रसाद ने किया तथा सभा मे विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी गण इं मनिन्द्र नाथ, इं अभिषेक बरनवाल, इं गजानन श्रीवास्तव, ई हरिशँकर चौधरी. ई सत्यम शारदा प्रसाद बिसम्भर सिंह विवेक सिंह कालिका प्रसाद .रविन्दर जायसवाल. राजीव यादव, रामकिशुन, राजकुमार, .श्रीकांत सिंह ओमब्रत सिंह,बृजेश इत्यादि उपस्थित रहे एवं सभा मे सैकड़ो लोगो की उपस्थिति रही।

 

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