सोनभद्र-बरसात के लिए किए जा रहे हैं टोटके, पीपल को चढ़ाया गया जल,मेंढक मेंढकी की कराई गई शादी
जुलाई माह के तीसरे सप्ताह तक बारिश न होने से अपनी फसल को लेकर किसानों में चिंता और बेचैनी का माहौल बन गया था। पिछले सत्र में अब तक किसानों द्वारा खेतों में धान की रोपाई की जा चुकी थी लेकिन इस वर्ष अभी तक पानी ना बरसने से धान की नर्सरी की बुवाई तक नहीं हुई है। कई इलाकों में जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की भी मांग किसानों द्वारा किया जा चुका है बारिश न होने से परेशान किसान भगवान इंद्रदेव को खुश करने के लिए सदियों से चले आ रहे टोटकों का भी सहारा लेने लगे।
दो दिन पहले बभनी थाना क्षेत्र के नधिरा ग्राम पंचायत में सैकड़ों आदिवासी महिलाओं द्वारा देवी गीत गाते हुए पीपल वृक्ष तक पहुंच कर जल चढ़ाकर भगवान इंद्रदेव को कृपा बरसाने के लिए पूजा अर्चना किया वही कई ग्रामीण इलाकों में बरसात के लिए मेंढक और मेंढकी की शादी कराया गया। लोग भले ही इसे अंधविश्वास और टोटका माने लेकिन विगत 2 दिनों से बादलों की उमड़ घुमड़ प्रारंभ होने और कहीं कहीं बारिश चालू हो जाने से किसानों में बरसात को लेकर कुछ उम्मीदें जगी है। रविवार को दक्षिणांचल के कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने से लोगों को अब लगने लगा है कि किसानों द्वारा कम से कम खाने भर के लिए उपज को पैदा कर लिया जाएगा। क्षेत्रीय किसानों की माने तो अब बारिश अगर हुई भी तो बर्बाद हो चुकी कई फसलों की भरपाई नहीं हो सकेगी ऐसे में सरकार को राहत के लिए किसान हित में कदम उठाया जाना अति आवश्यक है ।
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