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सोनभद्र-नागरिकों के साथ छलावा और नौकरी की दलाली करने वाला मंच

सोनभद्र-नागरिकों के साथ छलावा और नौकरी की दलाली करने वाला मंच

शक्तिनगर। आउटसोर्सिंग नौकरियों के नाम पर एक ऐसा संगठित समूह जो उस समय ही नजर आता है जब कभी आउटसोर्सिंग कंपनी का नया टेंडर होता है। तथाकथित मंच के नाम पर नागरिकों के साथ छलावा और नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचने का कुचक्र स्वयंभू मंच अध्यक्ष चला रहा है। विस्थापित व प्रभावित लोगों की नौकरी में हिस्सेदारी की मांग करने वाला मंच दलाली करने पर उतारू रहता है और आम जनता के अधिकार को गुलाबी नोटों के बंडलों से तौलकर सौदा करता है।तथाकथित मंच के इस पूरे खेल में कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अपनी बड़ी भूमिका निभाते नजर आते हैं। जिस तरह बरसात मौसम में मेंढ़क टर्राते नजर आते हैं वैसे ही शक्तिनगर में तथाकथित मंच के नेता आउटसोर्सिंग कंपनियों के आने के बाद नागरिकों के प्रतिनिधि बनकर धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार करने हेतु मंच का नेता बनने का स्वांग रचाते हैं।तथाकथित मंच का कोई जनाधार स्थानीय तौर पर नजर नहीं आता। फिर भी चापलूस जनप्रतिनिधि और चाटुकार नेता के मेल ने नागरिकों के तथाकथित मंच के तौर पर भ्रष्टाचार को आगे बढ़ाया। सत्ताधारी मुख्य राजनीतिक दल भी इस भौकाल के आगे फीका नजर आता है। 

आओ मिलकर क्षेत्र का विकास करते हैं,कुछ तुम खाओ कुछ हम खाते हैं,नौकरी के नाम पर पैसों का ढेर बनाते हैं, भोली-भाली नागरिक का मंच अध्यक्ष बन भौकाल जमाते हैं।

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