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उत्तर प्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा पर बालू का अवैध खनन, मोड़ दी नदी की धारा

उत्तर प्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा पर बालू का अवैध खनन, मोड़ दी नदी की धारा

 सोनभद्र। छत्तीसगढ़ के परमिट की आड़ में यूपी में बालू खनन का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला म्योरपुर ब्लाक के पांगन नदी का है। छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के सीमा का निर्धारण करने वाली इस नदी की तलहटी बालू खनन माफियाओं के अवैध खनन का केंद्र बन गई है। बरसों से चल रहे इस गोरखधंधे पर लगाम के लिए कई बार ग्रामीणों ने आवाज उठाई। हंगामा किया। प्रदर्शन का रास्ता अपनाया। सीएम पीएम को पाती भेजी लेकिन अधिकारियों और माफियाओं के सिंडिकेट ने यहां ऐसी जड़े जमा ली है कि अवैध बालू खनन का खेल निर्बाध जारी है। अब यहां नदी की धारा भी मोड़ दी गई है। इसकी जांच के लिए रविवार को वहां पहुंची खान विभाग, वन विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने भी इसकी पुष्टि की। खनन पर रोक भी लगाई गई ...लेकिन यहां लंबे समय से  चल रहे अवैध खनन पर प्रभावी लगाम लग पाएगी या यह खेल आगे भी बदस्तूर जारी रहेगा? लोगों की जुबां पर यह बड़ा सवाल बना हुआ है। 

म्योरपुर ब्लॉक के मनरूटोला के पास से गुजरी पांगन नदी में श्मशान घाट और कुसमहरा घाट पर यूपी के हिस्से वाले भाग में अवैध बालू खनन किया जा रहा है। इसमें कोई दिक्कत ना आने पाए इसके लिए जहां मेड़बंदी कर नदी की धारा भी मोड़ दी गई है। बालू ढुलाई में कोई बाधा ना आने पाए इसके लिए यूपी के हिस्से में होने वाले बालू के खनन का परिवहन छत्तीसगढ़ के परमिट पर किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में परमिट आसानी से मिल जाती है इसलिए यह खेल आसानी से लंबे समय से जारी है। रविवार को जब यहां पुलिस के साथ खनन, राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम स्थलीय जांच करने पहुंची तो नाराजगी जताते-जताते ग्रामीण बिफर से पड़े। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थलीय जांच में अवैध खनन की पुष्टि होने के बाद तत्काल प्रभाव से श्मशान घाट और कसारा घाट दोनों जगह  खनन को रोकवा दिया गया। मौके पर  जांच कर रही टीम ने लोगों ने यह स्वीकार किया कि नक्शा के आधार पर स्थलीय जांच की गई। इस दौरान पाया गया कि छत्तीसगढ़ की परमिट की आड़ में यूपी के हिस्से में बालू का खनन किया जा रहा है। आसान तरीके से खनन करने के लिए मेड़ नुमा सड़क बनाकर नदी की  धारा मोड़ी गई है। उसका आधा हिस्सा यूपी में है।  जांच के दौरान टीम में शामिल एक अधिकारी और ग्रामीणों के बीच हल्की तकरार भी हुई। इसके बाद जांच टीम की तरफ से पुलिस को लिखित पत्र दिया गया कि जब तक यूपी और छत्तीसगढ़ दोनों तरफ की एरिया की संबंधित लेखपालों के द्वारा संयुक्त जांच की कार्यवाही पूरी नहीं कर ली जाती, तब तक यहां खनन पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। जांच के दौरान खनन विभाग के निरीक्षक वीरेंद्र सिंह, लेखपाल राघवेंद्र दत्त, एसआई श्रीकांत यादव, वन दरोगा विजेंद्र सिंह, सर्वेयर संतोष पाल आदि की मौजूदगी बनी रही। 



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