चित्रकूट जेल गैंगवार : बड़ा खुलासा, बीस हजार रुपये महीना देकर कारागार में घूमते थे कुख्यात बदमाश
चित्रकूट जेल गैंगवार : बड़ा खुलासा, बीस हजार रुपये महीना देकर कारागार में घूमते थे कुख्यात बदमाश लखनऊ : चित्रकूट के जिला जेल में गैंगवार और पुलिस मुठभेड़ को लेकर यहां से लखनऊ तक की कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। वारदात के छह दिन बाद भी जांच से जुड़ा कोई भी अधिकारी कुछ भी नहीं बोल रहा है। इसी बीच जेल के अंदर दवा, किराने का सामान, कैंटीन संचालन के लिए जेल प्रशासन और बंदी रक्षकों पर मोटे कमीशन के आरोप लगे हैं। इसकी शिकायतें भी सीएम से लेकर एडीजी तक की जा चुकी हैं। आरोप ये भी हैं कि कुख्यात बदमाश अंशू दीक्षित और मेराज अली से हर माह मोटी रकम लेकर बैरक की जगह अस्पताल में रखा जाता था। चित्रकूट जिला जेल सन 2018 से विधिवत संचालित हुई थी। साल भार बाद से ही 2019 से जेल परिसर के सिस्टम को लेकर अधिकारियों और बंदीरक्षकों पर गंभीर आरोप लगने शुरू हो गए थे। कई लोगों ने मुख्यमंत्री, कारागार मंत्री, एडीजी जेल और मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर जेल के अंदर हो रही अनियमितता की मार्च 2021 तक छह बार शिकायत की है।इसमें जेल अधीक्षक और जेलर पर 20 हजार रुपये महीना लेकर कुख्यात बंदियों को बैरक की जगह जेल अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है। आरोप हैं कि जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के रिश्तेदार मेराजुददीन उर्फ मेराज अली और अंशू दीक्षित उर्फ सुमित को भी यह सुविधा मिली थी। कहने को दोनों को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था, लेकिन जब इनकी मर्जी होती थी बैरक से निकलकर अस्पताल परिसर में रहते थे।
इसमें जेल अधीक्षक और जेलर पर 20 हजार रुपये महीना लेकर कुख्यात बंदियों को बैरक की जगह जेल अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है। आरोप हैं कि जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के रिश्तेदार मेराजुददीन उर्फ मेराज अली और अंशू दीक्षित उर्फ सुमित को भी यह सुविधा मिली थी। कहने को दोनों को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था, लेकिन जब इनकी मर्जी होती थी बैरक से निकलकर अस्पताल परिसर में रहते थे।
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