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संबंधों का विज्ञापन जीवन का लक्ष्य नहीं: अजयशेखर

संबंधों का विज्ञापन जीवन का लक्ष्य नहीं: अजयशेखर

0 वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र नीरव को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम, प्रमाण पत्र, व 11000 की धनराशि के साथ आलम स्मृति सम्मान से किया गया सम्मानित, सोनभद्र। स्वर्गीय मुनीर बक्श आलम के व्यक्तित्व को शब्दों की सीमाओं में बांध पाना आसान नहीं है। साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता उक्त उद्गार गुरुवार को उरमौरा स्थित आलम के आवास पर राष्ट्रीय संचेतना समिति सोनभद्र व असुविधा परिवार द्वारा स्वर्गीय मुनीर बख्श आलम की द्वितीय पुण्यतिथि पर आयोजित लघु साहित्यिक गोष्ठी व सम्मान समारोह में व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार व चिंतक अजय शेखर अपने संबोधन के दौरान आलम साहब के साथ संबंधों को लेकर कई बार भाउक हो गए। उन्होंने आलम साहब के साथ अपने सम्बन्धों को लेकर कहा कि उनके साथ जो मेरे संबंध थे उसे या तो वह जानते थे या मैं जानता हूं। संबंधों का विज्ञापन जीवन का लक्ष्य नहीं रहा। मौन की भाषा में ही हम दोनों की वार्ता होती थी। इस अवसर पर राष्ट्रीय संचेतना समिति सोनभद्र व असुविधा परिवार की तरफ से कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री शेखर के साथ डा.अर्जुन दास केसरी रामनाथ शिवेन्द्र नसीम व खुर्शीद आलम ने वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार नरेन्द्र नीरव को अंगवस्त्रम्, स्मृतिचिन्ह, प्रमाणपत्र व 11000 की धनराशि प्रदान कर आलम स्मृति सम्मान से सम्मानित किया। समिति द्वारा यह निर्णय भी लिया गया कि आगे आलम साहब का जन्मदिन एक जुलाई को मनाया जाएगा। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अर्जुनदास केशरी, रामनाथ शिवेन्द्र, वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश देव पांडेय, अमरनाथ अजेय, ईश्वर विरागी, सुरेश तिवारी, हरिशंकर तिवारी, अब्दुल हई, प्रद्युम्न त्रिपाठी, अशोक तिवारी, नसीम बहन समेत अन्य साहित्यकारों ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन जगदीश पंथी व आभार आलम साहब के बड़े पुत्र खुर्शीद आलम ने किया।

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