दबा दी गई कोरगी नदी में अवैध खनन के खिलाफ उठी आवाज, शांति व्यवस्था की कार्रवाई तक सिमटा हमला बोलने का मामला
सोनभद्र। विंढमगंज थाना क्षेत्र के कोरगी नदी में हो रहे बालू खनन के खिलाफ उठी आवाज आखिरकार दबा दी गई। विरोध करने पर घर पर चढ़कर बोले गए हमले का मामला महज शांति भंग की आशंका तक सिमटा कर रख दिया गया। पहले तो एफआईआर दर्ज नहीं की गई। जब मामले ने तूल पकड़ा तो दोनों पक्षों से तहरीर दिखाकर शांति व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही दिखाते हुए प्रकरण का पटाक्षेप कर दिया गया। इसको लेकर पूरे दिन जनपद में तरह-तरह की चर्चा बनी रही। बताते चलें कि दुद्धी तहसील क्षेत्र में विंढमगंज थाना क्षेत्र से होकर गुजरने वाली कोरगी नदी में काफी समय से अवैध खनन जारी है। पिछले दिनोंं एसडीएम दुद्धी रमेश कुमार की जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई थी और बालू खनन कर परिवहन के लिए बनाए गए रास्ते को कटवा दिया गया था। बावजूद खनन कर्ताओं ने अगले दिन ही उस रास्ते को पटवा दिया और अवैध खनन-परिवहन शुरू हो गया। घटना के पीड़ित विजय शंकर चतुर्वेदी निवासी पतरिहा ने भी पुलिस को लंबे समय से अवैध खनन होने की जानकारी दी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उनके घर पर हमला बोल दिया गया परिवार के सदस्यों से मारपीट की गई उनको भी चोट पहुंचाई गई महिला तक को बक्सा नहीं गया पीड़ित ने तहरीर दी तो पहले पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लेने की जरूरत नहीं समझी 36 घंटे बाद जब मामला नए सिरे से गरमाने लगा तो दूसरे पक्ष से एक तहरीर थाने पहुंच गई और पुलिस ने इस तहरीर का भी संज्ञान लेते हुए अवैध खनन के विरोध में बोले गए हमले को महज शांति भंग का प्रकरण माना और शांतिभंग से जुड़ी कार्रवाई दोनों पक्षों के खिलाफ करते हुए बृहस्पतिवार की शाम प्रकरण का निस्तारण दिखा दिया। बता दें कि पीड़ित ने पुलिस को दी तहरीर में स्पष्ट कहा था कि जिस जगह खनन हो रहा था, उस जगह पर खनन पट्टा के लिए उन्होंने पहले से आवेदन कर रखा है। इसलिए कुछ लोगों के साथ पहुंचकर एतराज जताया। मामले की जानकारी संबंधित लोगों को भी दी। इससे नाराज अवैध खनन कर्ता 30-40 के समूह में मंगलवार की सुबह साढ़े छह बजे उनके दरवाजे पर चढ़ाएं और उन्हें सोते समय खींच कर नीचे गिरा दिया। घर के बाहर दैनिक कार्यों को निबटाने में लगे पत्नी और बेटे की पिटाई कर दी। इसके बाद धमकी देते हुए चले गए। घटना की सूचना तत्काल डायल 112 पर देने के साथ ही विंढमगंज थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर भी दी लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने वीडियो जारी कर मीडिया से न्याय दिलाने की गुहार भी लगाई। 48 घंटे बाद जाकर पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया और इसे महज शांति व्यवस्था का मामला मानते हुए पटाक्षेप कर दिया।
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