लोहिया आवास घोटाले में नहीं दर्ज हुई f.i.r., थानाध्यक्ष घोरावल को कोर्ट ने किया तलब
सोनभद्र। घोरावल थाना क्षेत्र के भरसड़ा गांव में छह वर्ष पूर्व के कथित लोहिया आवास घोटाले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। दो माह पूर्व कोर्ट से दिए गए आदेश के बाद इसमें एफआईआर भी दर्ज नहीं हो रही है। इससे क्षुब्ध पीड़ितों ने एक बार फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल जज जूनियर डिविजन की अदालत ने थानाध्यक्ष घोरावल को तलब कर लिया है। प्रकरण में सुनवाई की अगली तिथि 21 जून तय की गई है। अधिवक्ता सुनील कुमार मालवीय ने बताया कि 2016 में भरसड़ा निवासी सरस्वती, मालती, रीता, पुनवासी, मीरा गंगोत्री, सिंगारी, विफनी सीमा को लोहिया आवास आवंटित किया गया। आवास निर्माण के लिए निर्धारित 2.75 लाख रुपए राज्य सरकार की तरफ से मिल भी गए। आरोप है कि आवास बनवाने की बारी आई तो गांव के प्रधान अजय आए अपने सहयोगी प्रमोद के साथ उनके पास पहुंचे और कहा कि वह पढ़ी-लिखी नहीं हैं। इसलिए मानक के अनुरूप आवास नहीं बन पाएगा। इसलिए मेरे कह अनुसार बताए गए लोगों के खाते में रुपए ट्रांसफर कर दो। उनसे सामग्री लेकर मानक के अनुरूप आवास बना दिया जाएगा। उनकी कही गई बातों के झांसे में आकर पीड़ितों ने घोरावल में प्रकाश एजेंसी के संचालक पप्पू गिरी, मिर्जापुर के अंतराम सिंह उद्योग, चिगोरी के प्रमोद, कान्हा ट्रेडर्स चितरंगी मध्य प्रदेश के राजकुमार आदि से जुड़े खातों में धनराशि स्थानांतरित कर दी। अधिवक्ता ने बताया कि नियमानुसार लाभार्थी के खाते से रुपए निकासी के समय प्रधान-सेक्रेटरी की सहमति जरूरी होती है। इसलिए पूरे ट्रांजैक्शन की जानकारी प्रधान को थी। बावजूद जैसा कि पीड़ितों का आरोप है कि रुपए का बंदरबांट करके उनके आवास को अधूरा छोड़ दिया गया। कई बार तगादा के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। तब पीड़ितों ने अधिकारियों के यहां दौड़ लगाई। वहां भी सुनवाई नहीं हुई तो अदालत का दरवाजा खटखटाया। सुनवाई के बाद गत 16 मार्च को अदालत से प्रधान सहित छह के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना के आदेश पारित किया गया। सात दिन के भीतर कृत कार्यवाही से अवगत कराने का भी आदेश दिया गया लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। तब पीड़ितों ने फिर से अदालत में गुहार लगाई जहां मामले की सुनवाई करते हुए थानाध्यक्ष को तलब कर लिया गया। अधिवक्ता सुनील कुमार मालवीय ने बताया कि आदेश के संबंध में क्या प्रगति की गई? अगली नियत तिथि को इसकी भी जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।
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