भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान और बनवासी सेवा आश्रम करेगा आदिवासी किसानों का विकास, बैठक कर बनाई गई योजना
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान और बनवासी सेवा आश्रम करेगा आदिवासी किसानों का विकास, बैठक कर बनाई गई योजना सोनभद्र। आदिवासी किसान खेती में नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल करें ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके। ...इस उद्देश्य से भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी और बनवासी सेवा आश्रम गोविंदपुर ने संयुक्त रूप से पहल शुरू कर दी है। इसके लिए बृहस्पतिवार को वाराणसी से गोविंदपुर पहुंचे कृषि वैज्ञानिक डा. एस राय, डा. एस के सिंह, डा. डीआर भारद्वाज ने आश्रम के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उनके साथ चर्चा कर 500 आदिवासी किसानों की परंपरागत एवं सब्जी के खेती का विकास कर उनकी आमदनी बढ़ाने की कार्ययोजना बनाई।
संस्थान के तरफ से आदिवासी किसानों के लिए लोबिया (बोदी), कुम्हड़ा, लौकी, बैगन, भिंडी, टमाटर, मिर्च, नेनुआ, तोरई आदि के कुल दस प्रकार के सब्जी बीज जुगैल, चेतवा, बकुलिया, फरीपान,मनबसा और डहकूडंडी कलस्टर को दिया गया। परवल, शिमला मिर्च, व मशरूम उत्पादन के लिए 200 किसानों का चयन करने और प्रशिक्षण करने पर चर्चा किया गया। मिशन समृद्धि के सहयोग से संचालित सोलर ड्रायर सिस्टम, खादी विभाग का अवलोकन कृषि वैज्ञानिकों ने किया। आश्रम की संचालिका शुभा बहन ने बताया कि वर्तमान में मिशन समृद्धि के सहयोग से पांच कलस्टर के 17 पंचायतों में गांवों के संमेकित विकास के कार्यक्रम संचालित है। इस अवसर पर विमल भाई, इन्दुबाला सिंह, शिवशरण भाई, उमेश कुमार चौबे, रघुनाथ भाई, राम सुभग, रमेश भाई, शिवनारायण भाई दिलीप सिंह, नंद कुमार सिंह आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।- kaushlendra pandey, mo. 8542035134.
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