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 माया का नहीं बल्कि भाव का भूखा होता है गुरु :दीपक गोंड़

माया का नहीं बल्कि भाव का भूखा होता है गुरु :दीपक गोंड़

 माया का नहीं बल्कि भाव का भूखा होता है गुरु :दीपक गोंड़ 



-गुरु पूर्णिमा पर गुरु सम्मान 

बभनी (सोनभद्र) : माया का नहीं बल्कि भाव का भूखा ही वास्तविक गुरु है। यदि कोई माया में रूचि रखता है तो वह छद्म गुरु है जो खुद अँधा है वो अपने चेले को भी अँधा कर देता है। उक्त बातें गुरु पूर्णिमा पर गुरु से आशीर्वाद लेने के उपरांत हिमांचल प्रदेश अनुसूचित जन जाति मोर्चा भाजपा के सह-प्रभारी दीपक गौड़ ने कही। इसके पहले

बभनी चपकी कारीडाड में गुरुजनों को अंग वस्त्रम भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया। 

सह-प्रभारी ने कहा कि भले ही हमने गुरु का सम्मान किया है पर इसके योग्य गुरु की कृपा से सम्भव हो सका है। गुरु की महिमा अपार है। गुरु महिमा लिखने में धरती को कागज, वन की सभी लकड़ी को कलम और सातों समुद्रों के पानी की स्याही बना ली जाय, तब भी वे कागज, लेखनी और स्याही कम पड़ जाएगी। ईश्वर की कृपा से ही सद्गुरु का सानिध्य सुलभ होता है। सद्गुरु के अभाव में समाज में अपराध और अनैतिक कार्य बढ़ते जा रहे हैं। गुरुजनों के सम्मान के मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रमोद दुबे, संजय जायसवाल, दीपचंद केशरी, रमेश यादव आदि मौजूद रहे।

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