सच्चाई मे है दम,इसलिए सच लिखते हैं हम
पहले लाइए कागजात, फिर कराइए नापी, एसडीएम ने दी प्रीतनगर को बड़ी राहत, रेलवे-राजस्व रिकार्ड में दिखी भिन्नता

पहले लाइए कागजात, फिर कराइए नापी, एसडीएम ने दी प्रीतनगर को बड़ी राहत, रेलवे-राजस्व रिकार्ड में दिखी भिन्नता

सोनभद्र। आखिरकार एसडीएम ओबरा प्रकाश चंद्र के हस्तक्षेप के बाद रेलवे का चोपन के प्रीत नगर में चल रहा जमीन नाप अभियान बुधवार को थम गया कागजातों की जांच में रेलवे और राजस्व रिकॉर्ड में काफी भिन्नता मिली रेलवे को 3 दिन के भीतर स्वामित्व से जुड़े सभी कागजात प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं कागजातों का अवलोकन और रेलवे के साथ ही राजस्व टीम की संयुक्त नापी के बाद ही रेलवे के नापी प्रक्रिया के बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा।
बताते चलें कि रेलवे प्रशासन ने ढाई सौ घरों वाली प्रीत नगर बस्ती को अपनी जमीन पर बता बता कर पिछले 2 माह से लोगों के बेदखल की प्रक्रिया अपनाए हुआ था 150 लोगों को नोटिस जारी करने के साथ ही मंगलवार से यहां लोगों के घरों और जमीन की नापी जारी थी मंगलवार को रेलवे के लोगों से यहां के बाशिंदों ने फरियाद लगाई बात नहीं बनी तो चेयरमैन प्रतिनिधि उस्मान अली के अगुवाई में एसडीएम ओबेरा को प्रकरण से अवगत कराया मौके पर पहुंचे एसडीएम ने प्राथमिक तौर पर रेलवे और राजस्व रिकॉर्ड का मिलान कराया तो काफी भिन्नता सामने आई एसडीएम प्रकाश चंद्र ने बताया कि रेलवे 63 को आधार बताकर प्रीत नगर बस्ती की जमीन को अपना होने का दावा कर रहा है लेकिन मौके पर उसने जो कागजात दिखाए वह उसके दावे को साबित नहीं कर पाए रेलवे और राज्य सरकारों में भी भिन्नता दिखे इसलिए तत्काल नापी को रखवा दिया गया है रेलवे के लोगों से 3 दिन के भीतर सारे कागजात प्रस्तुत करने को कहा गया है उनका ज्ञापन का है रिकॉर्ड से मिलान कराया जाएगा इसके बाद जरूरत पड़ी तो यहां के जमीन के संयुक्त नाती भी कराई जाएगी इसके बाद आगे निर्णय लिया जाएगा किसी भी रूप में बस्ती के लोगों के साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा उधर बस्ती के लोगों की तरफ से अधिवक्ता अमित सिंह ने पक्ष रखा और कागजात दिखाए। रेलवे की तरफ से आईओडब्ल्यू रतन शंकर मैं दलील रखी। गौरतलब हो कि प्रीतनगर इलाके में रहवासी पिछले कई वर्षों से आबाद हैं और बाकायदा स्टाम्प शुल्क देकर जमीन बैनामा की कराए हैं। बिजली,पानी के बिल समेत नगर पंचायत को टैक्स भी देते चले आ रहे हैं। 63 के बाद अब जाकर रेलवे के लोगों द्वारा यहां की जमीन को अपना बताना जहां लोगों को पच नहीं रहा है वही दूसरे खिलाकर हुए अतिक्रमण पर संजीदगी ना दिखाए जाने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मौके पर अधिवक्ता रमेश मिश्रा,शेर खान, वकील अहमद, सतनाम सिंह, सभासद रूपा देवी, सर्वजीत यादव, मोमबहादुर, जितेंद्र पलाहा, सतनाम सिंह, प्रभात उपाध्याय, बबलू सिंह, यूनुस खान मौजूद रहे।

0 Response to "पहले लाइए कागजात, फिर कराइए नापी, एसडीएम ने दी प्रीतनगर को बड़ी राहत, रेलवे-राजस्व रिकार्ड में दिखी भिन्नता"

एक टिप्पणी भेजें