बीजेपी की उम्मीदों को झटका, अद एस के खाते में गई सोनभद्र-जौनपुर के जिला पंचायत अध्यक्ष की दावेदारी, शाम तक प्रत्याशियों की घोषणा संभव
सोनभद्र। जिले में भाजपा के कद्दावरों के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशी चयन को लेकर चल रही खींचतान के बीच शीर्ष नेतृत्व के चुप्पी का निष्कर्ष आखिरकार बृहस्पतिवार को सामने आ गया। एनडीए घटकों के आपसी मंथन के बाद सोनभद्र और जौनपुर के जिला पंचायत अध्यक्ष की दावेदारी अपना दल एस के लिए छोड़ने का फैसला लिया गया है। दोपहर में लिए गए इस फैसले की जानकारी जैसे ही जिले के लोगों को लगी भाजपा की तरफ से दावेदारी की जुगत में लगे लोगों के सारे समीकरण धड़ाम हो गए। एक संभावित प्रत्याशी की तरफ से चार सेट में पर्चा खरीद कर अग्रिम तैयारी भी शुरू कर दी गई थी। वहींं एक धड़े की तरफ से पिछले तीन दिन से संबंधित प्रत्याशी को भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में अपने से जुड़े लोगों के बीच प्रचारित किया जाना भी शुरू कर दिया गया था। उधर, अपना दल एस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पटेल और अपना दल एस विधिक मंंच के राष्ट्रीय सचिव अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने भी इसकी पुष्टि की है। बताते चलें कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश एवं केंद्र की एनडीए की सहयोगी अनुप्रिया पटेल की नेतृत्व वाली अपना दल (एस) ने प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष की पांच सीटों पर दावेदारी ठोकी थी। पार्टी ने प्रदेश की जौनपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, बांदा और पार्टी के संस्थापक डॉ.सोनेलाल पटेल की जन्मस्थली फरूर्खाबाद में पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी मांगी थी। पार्टी का मानना था कि भाजपा के सहयोग से इन जिलों में पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी उन्हें आसानी से मिल सकती है। पार्टी के लोगों का इसके पीछे तर्क था कि पंचायत चुनाव में पार्टी को सर्वाधिक सफलता जौनपुर में मिली है। जौनपुर में पार्टी ने जिला पंचायत सदस्य की सात सीटें जीती है। इसके अलावा पार्टी ने वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़ सहित अन्य कई जिलों में बेहतर प्रदर्शन किया है। वाराणसी में 14 सीटों पर पार्टी दूसरे स्थान पर रही। जौनपुर में पार्टी की एक महिला विधायक, प्रतापगढ़ में पार्टी के दो विधायक और एक ब्लॉक प्रमुख हैं। इसके अलावा मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल स्वयं सांसद हैं एवं एक विधायक भी यहां से हैं। इसी तरह फरूर्खाबाद पार्टी के संस्थापक डॉ.सोनेलाल पटेल की जन्मस्थली है। ऐसे में पार्टी की जड़ें यहां मजबूत है। बृहस्पतिवार को अपना दल और भाजपा के प्रादेशिक शीर्ष नेतृत्व के बीच गहन मंथन के बाद अपना दल को सर्वाधिक सफलता दिलाने वाले जौनपुर की अध्यक्षी और अकेले दम पर लड़ने के बावजूद विशेष पहचान दिलाने वाले सोनभद्र के अध्यक्ष की दावेदारी अपना दल एस को सौंपने का निर्णय ले लिया गया।
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