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सोनभद्र-डीआरएम धनबाद नें दोहरीकरण रेलवे कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया।

सोनभद्र-डीआरएम धनबाद नें दोहरीकरण रेलवे कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया।

- रड़होर व चिल्काडाँड़ ग्राम प्रधान सहित कई भाजपा नेताओं ने ज्ञापन सौंपा

सोनभद्र,शक्तिनगर,पूर्वोत्तर मध्य रेलवे धनबाद मंडल के डीआरएम आशीष बंसल ने रेलवे दोहरीकरण का लिया जायजा करैला रोड शक्तिनगर रेलखंड एवं चोपन सिंगरौली रेल खंड पर चल रही रेलवे पटरी दोहरीकरण कार्य की प्रगति एवं उर्जान्चल में निर्माणाधीन रेलवे परियोजनाओं और महदेइया रेलवे साइडिंग व  शक्तिनगर, सिंगरौली, कृष्णशीला आदि स्टेशनों का निरीक्षण कर कार्य प्रगति का जायजा लिया। निरीक्षण उपरांत एनसीएल एवं एनटीपीसी विंध्यानगर के अधिकारियों संग डीआरएम ने बैठक किया। डीआरएम अपने विशेष रेलवे गाड़ी सैलून से बुधवार सुबह महदैया पहुंचे। रेलवे साइडिंग निरीक्षण उपरांत करेला रोड होते हुए अनपरा से शक्ति नगर रेलवे स्टेशन पहुंचे। 

डीआरएम धनबाद आशीष बंसल के साथ सीनियर डीएससी हेमंत कुमार एवं सभी रेलवे विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे,रड़होर ग्राम प्रधान श्रीमती बसंती देवी के प्रतिनिधि द्वारा चोपन से मिर्चाधूरी मुख्य रेलवे लाइन खंभा संख्या 168/6 के पास अंडर पास पुलिया निर्माण हेतु डीआरएम धनबाद को ज्ञापन सौंपा गया। श्रीमती बसंती देवी ने बताया कि अति पिछड़ी आदिवासी बाहुल्य अंचलों तक पहुंचने के लिए अनपरा मिर्चाधूरी मार्ग लाइफ लाइन कही जाती है। लेकिन रेलवे दोहरीकरण कार्य होने के कारण मुख्य मार्ग की खुदाई कर दिए जाने से आवागमन बाधित हो रहा है और करेला स्टेशन से मिर्चाधूरी स्टेशन के बीच कोई अंडरपास पुलिया नहीं है।


जिससे अनपरा में नौकरी करने व रोजमर्रा के कार्यों को लेकर आम जनमानस को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है,चिल्काडाँड़ ग्राम प्रधान हीरालाल ने डीआरएम धनबाद को ज्ञापन सौंपकर गांव को मुख्य मार्ग तक पहुंच हेतु ओवरब्रिज का मांग किया। ग्राम प्रधान ने बताया कि एनटीपीसी द्वारा चिल्काडाँड़ को 1977 में विस्थापित गांव के तौर पर बसाया गया था। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि तब से गांव में कोई पहुंच मार्ग नहीं है और रेलवे के अंडर पास पुलिया से ग्रामीण गुजरने को विवश हैं।

भाजपा नेता आनंद पांडे व विस्थापित सर्वजीत चौबे ने डीआरएम धनबाद से मांग किया कि शक्तिनगर से देश के विभिन्न शहरों तक रेलगाड़ी चलाई जाए, जिससे औद्योगिक क्षेत्र में रह रहे प्रवासी मजदूरों को अपने गृह प्रदेश तक यात्रा करने में असुविधा ना हो और पूर्व की भांति त्रिवेणी एक्सप्रेस को यथाशीघ्र शक्तिनगर से चलाने पर निर्णय लिया जाए। रेलवे की जमीनों पर अतिक्रमण का मुद्दा उठाते हुए सर्वजीत चौबे ने मांग किया कि रेल भूमि विकास प्राधिकरण के तर्ज पर रेलवे जमीन को खाली कराकर रेलवे स्टेशन के आसपास विकास कार्य को नए आयाम दिए जाएं।


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