
गरीब कि बेटी को उ.प्र.महिला आयोग एवं सोनभद्र जिलाधिकारी के द्वारा सम्मानित किया जाना महिलाओं का मान बढ़ाया,लगाई गुहार
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पंडित ज्ञानबल्लभ बल्लभ दुबे उर्फ ज्ञानु महराज के द्वारा बताया कि विधवा तारावती आज बीस वर्षों से दुसरों के यहां मेहनत मजदूरी कर अपनी बेटी को पढा़ लिखाकर इस काबिल बनाई कि वही बेटी कोरोनो काल मे 2000 मास्क अपने हांथ बनाकर लोगों मे फ्री वितरण करते हुए हर जरूरत मन्द लोगों तक जरूरत कि समान पहुंचाती रही
वही विधवा तारावती से पुछने पर बताया गया कि मेरे पति जंगल विभाग मे कार्य करते विमारी के दौरान उनका निधन हो गया वर्तमान अधिकारीयों के द्वारा मेरा हौंसला बढा़ते हुए यह कहा गया कि आप बच्ची को पढा़इए जब -18-वर्ष कि होगी तो पिता के जगह पर अनुकंपा नियुक्ति कर दिया जाएगा मै बहुत बहुत धन्यवाद एवं हजारों दुवाएं देती हुं उ.प्र.महिला आयोग कि टीम एवं सोनभद्र जिलाधिकारी महोदयः को जिसने एक गरीब एवं बिन बाप कि बेटी को सम्मानित करते हुए सम्मान पत्र दिया गया अब मेरी एक ही अंतिम इच्छा है कि मेरी बेटी अपने पिता के जगह पर जंगल विभाग मे कार्य करें
मै विधवा तारावती उ.प्र.राज्य महिला आयोग सोनभद्र जिलाधिकारी महोदय एवं समस्त पत्रकार बंधुओं से बार बार निवेदन करती हुं मेरी बेटी को उसका हक दिलाने कि महान कृपा करें मै सदैव आभारी रहुगीं !
बताया कि मैं विधवा तारावती पति स्वर्गीय रामलोचन ग्राम व पोस्ट धरतीडाड़ थाना बिजपुर वन परिक्षेत्र रेंज जरहां सोनभद्र उ.प्र.कि निवासी हूं मा.महोदया मेरे पति स्वर्गीय रामलोचन वन विभाग रेंज जरहां मे रोपावनी प्रहरी के पद पर कार्य करते बीमारी के दौरान उनकी मृत्यु हो गई उस समय मेरी एक मात्र बेटी 3 तीन वर्ष कि थी वर्तमान वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा कहा गया कि जब बेटी-18-वर्ष की बालिक हो जाएगी तब पिता के जगह अनुकंपा नौकरी दिया जाएगा मै मेहनत मजदूरी करके अपनी बेटी को पढा़ई -18-वर्ष कि बालिक होने पर मै अनुकंपा नियुक्ति हेतु उच्च अधिकारियों से आवेदन के साथ निवेदन करती रही कि पिता के जगह मेरी बेटी को नौकरी दें किन्तु कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं होते मेरे पति के कार्य के दौरान वन विभाग के द्वारा-16 माह का वेतन भी नहीं दिया गया मै दूसरों के यहां काम करके सिर्फ बेटी को देखकर आज तक जिन्दा रही और बेटी को पिता के जगह पर कार्य करते देखना चाहती हुं मेरी बेटी कोरोना काल के दौरान दो हजार मास्क अपने हांथों से बनाकर जरूरत मन्द लोगों तक फ्री बांटी जिसे देखकर उ.प्र.राज्य महिला आयोग एवं सोनभद्र कलेक्टर महोदय के द्वारा सम्मान पत्र के साथ सम्मानित भी हो चुकी है मै एकदम टुट चुकी हुं मुझे न्याय नहीं मिला तो मर जाऊगीं जिसके जिम्मेदार वन विभाग के अधिकारी होगें आज -20-वर्षों से जिन्दा लाश बनकर जीवन बिता रही हूं !
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